संस्कृत और सङ्गणक (कम्प्यूटर)
२१ वीं सदी के इस युग को विज्ञान का युग कहा जाता है। इस सदी में मनुष्य ने अपनी सुविधा के लिये अनेक अद्भुत कार्य किये है जो जीवन को सरल बनाने में सहयोग प्रदान करते है। इसी परम्परा में एक ऐसा अविष्कार “कम्प्यूटर” हमारे सामने आया, जिसका विकास उसकी उपयोगिता के आधार पर चन्द ही दिनों में हो गया। कम्प्यूटर नेटवर्किंग के माध्यम से विषय सामग्री को सरलता से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने का कार्य करता है। आज के समय कम्प्यूटर में अनेक भाषाओं का उपयोग हो रहा है। इसी क्रम में संस्कृत भी कम्प्यूटर की भाषा के रूप में प्रचलित हो रही है। कम्प्यूटर में इस्तेमाल के लिए संस्कृत सबसे अच्छी भाषा है । नासा वैज्ञानिकों द्वारा एक रिपोर्ट में बताया गया था कि 6 और 7 वीं पीढ़ी के सुपर कम्प्यूटर संस्कृत भाषा पर आधारित बन रहे हैं जिससे सुपर कम्प्यूटर अपनी अधिकतम सीमा तक उपयोग किया जा सके। परियोजना की समय सीमा 2025 (6 पीढ़ी के लिए) और 2034 (7 वीं पीढ़ी के लिए) है, इसके बाद दुनिया भर में संस्कृत सीखने के लिए एक भाषा क्रांति होगी।
सभी संस्कृतियों का ज्ञान उसकी भाषा के माध्यम से दूसरी संस्कृति तक पहुँचता है अतः उस ज्ञान को प्रसारित करने के लिये भाषा का अनुवाद करना आवश्यक है। अनुवाद के उद्देश्य के लिए उपलब्ध सबसे अच्छी भाषा संस्कृत है। दुनिया की सभी भाषाओं की माँ संस्कृत है। सभी भाषाएँ (97%) प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस भाषा से प्रभावित है।
संस्कृत कम्प्यूटर में उपयोग होने वाली भाषाओं में सबसे महत्त्वपूर्ण है। उसी के साथ-साथ कम्प्यूटर भी संस्कृत के लिये एक वरदान के समान है, क्योंकि संस्कृत भाषा में सबसे अधिक ज्ञान छुपा पढा है, जो अनेक कालों का अनुभव है। उस ज्ञान को सामान्य जन-समुदाय तक पहुँचाने की अत्यन्त आवश्यकता है अतः कम्प्यूटर के माध्यम से हम आसानी से ज्ञान को प्रसारित कर सकते है। उसके साथ ही सङ्गणक के माध्यम से हमें अपने ज्ञान को सुरक्षित रखने में सरलता मिल रही है। आज संस्कृत भाषा के लिये ऑनलाइन शब्दकोश, वेबसाइट, टूल्स, संस्कृत एप्स इत्यादि का कार्य हो रहा है जो संस्कृत को सरलता से विद्यार्थी तक पहुँचा रहे हैं। सङ्गणक के आने से संस्कृत पुनः अपना गौरव प्राप्त करने की ओर अग्रसित है। लोग संस्कृत भाषा का फ़ेसबुक, वाट्सएप, इन्स्टाग्राम, मेल इत्यादि स्थानों में प्रयोग कर रहे है जो निश्चित ही कम्प्यूटर की देन है। सङ्गणक को संस्कृत भाषा के लिये निम्न रूप से प्रयोग किया जा रहा है।
१. शब्दकोश के निर्माण से,
२. एप्स निर्माण से,
३. वेब पेज एवं वेब साइट के निर्माण से,
४. पुस्तक संग्रहालयों के माध्यम से,
५. अन्वेषण के माध्यम से,
६. अनुवाद टूल्स के माध्यम से,
७. स्क्रिप्ट परिवर्तन टूल्स,
यहाँ हम संस्कृत को बढाने के लिये कम्प्यूटर तथा इन्टरनेट के माध्यम से किये गये कार्यों का सर्वेक्षण प्रस्तुत कर रहे हैं।
1. संस्कृतशब्दबन्धः(Sanskrit WordNet):- संस्कृतशब्दबन्धः (Sanskrit wordnet) यह एक संस्कृतकोश है जिसे IIT Bombay ने निर्मित किया है। यहाँ शब्दों के विभिन्न सम्बन्ध प्रदर्शित किये है। इस कोश में शब्द के समानार्थक शब्दों की सूची दी गई है। यह कार्य २००८ से प्रारम्भ हुआ है। इसमें Unique शब्द 57927 है। इस software के निर्देशक- प्रो. इरावती कुळकर्णी, प्रो. मल्हारः कुळकर्णी, प्रो. पुष्पकः भट्टाचार्य हैं।
2. http://samskritwisdom.wordpress.com/:- Sanskrit Wisdom, वर्डप्रैस एक प्रसिद्ध ब्लॉग सॉफ्टवेयर है। यह पीएचपी में लिखा गया है तथा डाटाबेस के लिए माइएसक्यूएल का प्रयोग करता है। वर्डप्रैस एक मुफ्त एवं मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर है, इसे सामान्य सार्वजनिक लाइसेंस के साथ जारी किया गया है। जिसे इसके आधिकारिक साइट से डाउनलोड किया जा सकता है। इसका नवीन संस्करण 4.4 को 9 दिसम्बर 2015 को जारी किया गया था। यह पहली बार 27 मई 2003 को इनके संस्थापक “मेटमुल्लेनवेग” और “माइक लिटल” द्वारा जारी किया गया था। इसमें कथा, ग्रन्थनिरूपण , चित्रश्लोक , वार्ता, विचारकणिका, संस्कृतलेख, समस्यापूर्ति, सरसश्लोक, सुभाषित जैसी संस्कृत सामग्री सुलभता से प्राप्त होती है।
3. http://learnsanskrit.wordpress.com/:- यह भी संस्कृत का blog है जिसमें संस्कृत भाषा में लोगों द्वारा अपने अनुभव, समाचार, किसी ग्रन्थ की परिचर्चा इत्यादि चीजें प्रेषित की जाती है। इस blog पर सर्वप्रथम registration करना होता है जिसके उपरान्त आप इसे login करके इसपे अपनी पोस्ट डाल सकते है। यहाँ संस्कृतप्रेमी लोग संस्कृतभाषा में विचार-विमर्श भी करते है।
4. http://practicalsanskrit.blogspot.com/:- यह भी संस्कृत का blog है इसमें संस्कृत की प्रेक्टिस पर अधिक जोर दिया गया है। जिसमें संस्कृत को कैसे पढे, उद्धरण की सामग्री का संकलन कैसे करें, तथा संस्कृत भाषा की स्क्रिप्ट देवनागरी से रोमन में कैसे परिवर्तित करें इत्यादि जैसे- Reference works, Reading and writing, Texts, Audio/Video.
5. Computational Linguistics R & D at J.N.U. New Delhi-
स्कूल ऑफ इंडिक एण्ड संस्कृत स्टडीज, जे.एन. यू. में कम्प्यूटेशनल भाषाविज्ञान अनुसंधान एवं विकास, 2002 से प्रोफेसर गिरीश नाथ झा जी की देखरेख में शुरू हुआ। यहाँ संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं के लिए भाषा प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास कर रहे हैं।
कार्य-
१. Online Multilingual Amarakosha (बहुभाषीय अमरकोश)
२. Mahabharata Search (महाभारत अनुक्रमणी)
३. Bhagvadgitaebook and Search श्रीमद्भगवद्गीता अनुक्रमणी)
४. Ayurveda Search (आयुर्वेद-अनुक्रमणी)
५. Brhadaranyaka Upanishad Search (बृहदारण्यकोपनिषद् अनुक्रमणी)
६. Indexing System for Mainstream Texts (वेदांत अनुक्रमणी)
७. Corpora and related tools
८. Language Processing Tools- संस्कृत भाषा निर्माण की प्रक्रिया के विषय में है यहाँ मुख्यतः संस्कृत व्याकरण की प्रक्रिया को दर्शाया है संधि, समास, लिप्यन्तरक, कारक, भाषान्तर आदि कार्य को कम्प्युटर के साफ्टवेयर से दर्शाया है। यहाँ शिक्षक के अभाव में भी संधि, समास को विद्यार्थी पढ सकते है।
९. Tagsets/annotated corpora
इस प्रकार अनेक प्रोजेक्ट तथा शोधकार्यों के माध्यम से जे. एन. यू में कम्प्यूटर तथा संस्कृत से सम्बन्धित अनेक कार्य किये जा रहे हैं, जो सराहनीय है।
6. http://andhrabharati.com/dictionary/sanskrit/index.php संस्कृत कोश समुच्चयः- यह निरुक्त आधारित है, परन्तु इसमें धातुपाठ का भी कार्य हुआ है जो सामान्य धातुओं का सामान्य परिचय देता है। जैसे- भू-भवति, भवते, भूर्त (q.v.) अन्तर्भूत, ऊभूत, प्रभूत, समुद्भूत, संभूत, संभूय।
7. हैदराबाद विश्वविद्यालय में भी दश गणों पर कार्य हुआ है, जिसमें संक्षिप्तरूप में रूपसिद्धि होती है। जो स्वतः निर्मापक नहीं है, एक साथ लिख दिया गया है। जैसे- अद भक्षणे। लडादि पूर्ववत्। कर्तरि शप् अदिप्रभृतिभ्यः शपः (पासू० २/४/७२) इति तस्य लुक् खरि च (पासू० ८/४/५५) इति चर्वम् अत्ति।
8. http://sanskrit.inria.fr/ यह साइट संस्कृत भाषा के लिए कई भाषाओं में ई-सेवाएं प्रदान करती है, यहाँ विभिन्न ध्वनिक और रूपात्मक टूल भी प्रदान किए जाते हैं।
9. संसाधनी- व्याकरणिक विश्लेषण के लिए संस्कृत अध्ययन विभाग, हैदराबाद विश्वविद्यालय, विभिन्न कम्प्यूटेशनल टूल विकसित करने में जुड़ा हुआ है। यह प्रस्तुति इस वेबसाइट पर उपलब्ध टूल का एक संक्षिप्त परिचय प्रदान करती है। इस वेबसाइट पर मुख्य कार्य हो रहे है।
१. साधनानि (tools)
२. कोशाः (dictionaries)
३. कॉर्पस् (corpus)
४. प्रकाशनानि (publications)
५. शोधकार्याणि (thesis)
६. गवेषिका (search engine) संस्कृत वाङ्मय में प्रयुक्त शब्दों को यहाँ search किया जा सकता है जिससे हम रिसर्च करते समय आसानी से डाटा कलेक्ट कर सकते है।
७. अनुसारकम् (MT, skt-hnd)- देवनागरी आदि फोन्ट को अन्य फोन्ट में परिवर्तित किया जा सकता है तथा यहाँ script change के साथ roman-diacritic भी यहाँ आसानी से लगा सकते है।
८.सश्लेषणग्रन्थई-ग्रन्थ- यहाँ संस्कृत के ग्रन्थ विश्लेषण सहित उपलब्ध है जैसे- पदपाठः (padapāṭhaḥ), पदपरिचयः (padaparicayaḥ), आकाङ्क्षा (ākāṅkṣā), अन्वयः (anvayaḥ)
10. sanskrit.samskrutam.com/en.sanskrit-indology-directory websites.ashx: 23 अप्रैल 2005 को samskrutam.com प्रकाशित किया गया था। संस्कृत पर प्रारंभिक सामग्री तैयार की गई और प्रकाशित हुई। उस समय से वेबसाइट पर संस्कृत के विभिन्न पहलुओं पर बहुत अधिक सामग्री जोड़ दी गई है।
11. Sanskritworld (https://www.sanskritworld.in/)- इस साइट को डॉ. धवल द्वारा निर्मित किया है। यहाँ Sanskrit Books, Sanskrit Tool, Alankara, Samasa, M.Phil Thesis, Articles आदि सामग्री सुलभता से प्राप्त हो जाती है।
12. Sanskrit Dictionary for Spoken Sanskrit (spokensanskrit.org/- यह स्पोकेन संस्कृत के लिए संस्कृत-इंग्लिश / अंग्रेजी-संस्कृत शब्दकोश के हाइपरटेक्स्ट के संस्करण 2.1 है। इसका अर्थ है कि यह शास्त्रीय ग्रंथों के शब्दों के अतिरिक्त दैनिक संचार के लिए ज़्यादा उपयोग किए गए सामान्य शब्द को शामिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
13. The Sanskrit Library (sanskritlibrary.org/)- इसको हिन्दी में संस्कृत पुस्तकालय कह सकते है। संस्कृत में शिक्षा और अनुसंधान की सुविधा के जरिए भारत की सांस्कृतिक विरासत तक ऑनलाइन पहुंच बढ़ाने के लिए समर्पित एक डिजिटल लाइब्रेरी है। यह लाइब्रेरी 4 नवंबर 2002 को स्थापित की गई है।
14. Sanskrit Documents Collection (https://sanskritdocuments.org)- इस साइट पर संस्कृत की अनेक सामग्री प्राप्त हो सकती है।
15. Shodhganga@INFLIBNET: Searchshodhganga.inflibnet.ac.in/simple- यहाँ अन्य विषयों के साथ संस्कृत में होने वाले रिसर्च वर्क प्राप्त होते हैं।
16. http://granthamandira.net/- ग्रंथों का यह संग्रह चैतन्य वैष्णव परंपरा से संबंधित है। यह महत्वपूर्ण और अक्सर दुर्लभ संस्कृत और बंगाली ग्रंथों को एकत्रित करने, संपादित करने और उपलब्ध कराने का प्रयास है। यह संस्कृत, बंगाली और चैतन्य वैष्णव परंपरा के सभी विद्वानों के उपयोग के लिए है।
17. बराह - कम्प्यूटर पर संस्कृत लिखने का फॉण्ट है। आप इसके माध्यम से देवनागरी को आसानी से टङ्कित कर सकते है।
18. PaSSim — Paninian Sanskrit Simulator: यह कंप्यूटर के लिए प्रस्ताव पी.ए.एन. इनियन प्रणाली का प्रतिनिधित्व संस्कृत व्याकरण पर आधारित मॉडल है, यहाँ व्याकरण संबंधी डेटा प्रस्तुत करते हैं और अष्टाध्यायी के नियमों का अनुकरण कम्प्यूटर पर करते है।
19. sanskritnlp.appspot.com/forms/Chandas-de.htm संस्कृत श्लोकों के छन्द को बताने वाला यह टूल है इसमें हम संस्कृत का कोई श्लोक कम्प्यूटर को देते है तो वह उसका कौन सा छन्द है यह आसानी से बता सकता है।
20. संस्कृतटूल्स - संस्कृत टूलबार- यह वेबसाइट संस्कृत व्याकरण के अध्ययन में मदद करने के इरादे से बनाई गई थी। इसका उद्देश्य उन साधनों को प्रदान करना है जो संस्कृत संज्ञाओं और क्रियाओं के इन्फ़लान्शन (अर्थात् अभिव्यक्ति और संयुग्मन) तालिकाओं को प्रदर्शित करते हैं, साथ ही यह उपकरण जो अनियंत्रित शब्दों का विश्लेषण करता है। यह मोनियर विलियम्स डिक्शनरी के आधार पर संस्कृत-इंग्लिश डिक्शनरी प्रदान करना है, जहाँ प्रत्येक संज्ञा या क्रिया इसकी सही व्याख्या या सारणी से जुड़ा हुआ है।
21. मेधा ३- संस्कृत मेधा की-बोर्ड से आप कही पर भी देवनागरी लिख सकते हैं । इस मेधा की-बोर्ड में देवनागरी के अ, आ, इ, ई, क, ख, ग, घ इत्यादि वर्णों को प्रायः रोमन लिपि की ध्वनि के अनुसार रखा गया है । अतः सामान्य लोगों को , जिन्हें रोमन लिपि में संस्कृतादि भाषायें लिखने का अभ्यास है अथवा नहीं भी है उनको देवनागरी लिपि में संस्कृतादि भाषायें लिखना अति सरल होगा । यह विशेषतः संस्कृत लिखने वालों के लिये तैयार किया गया है। पर हिन्दी, मराठी, और नेपाली लिखने की इच्छा वाले भी निश्चिन्तता से इसका उपयोग कर सकते हैं।
22. Unicode Typing Tool - TDIL-DC- यह टाइपिंग सॉफ्टवेयर है, जो कि यूनिकोड शिकायत फोंट के साथ विंडोज आधारित अनुप्रयोगों के संपादकों में भारतीय भाषाओं का टाइपिंग सक्षम करता है। संस्कृत के लिये यह बहुत उपयोगी सॉफ्टवेयर है।
23. Portal to Sanskrit Resources -यहाँ संस्कृत से सम्बन्धी कई लिंक हैं। यहाँ जाकर आप संस्कृत सामग्री के लिए लिंक प्राप्त कर सकते हैं।
24. sanskrit wikipedia https://sa.wikipedia.org/wiki/ संस्कृत के लिए इन्टरनेट पर सबसे सरलता से जानकारी संस्कृत विकिपेडिया पर प्राप्त होती है। यहाँ संस्कृत का परिचय तथा उसकी विशेषताओं के साथ संस्कृत सम्बन्धी जो कार्य हो रहे उनकी भी सूचना आसानी से प्राप्त हो सकती है। संस्कृत विकिपेडिया के साथ ही अन्य विकिस्रोतः, विकिसूक्तिः, विकिशब्दकोशः, विकिमीडिया, मेटाविकि, विकिकामन्स् आदि है जो संस्कृत के अध्ययन में सहायक है।
मोबाईल के माध्यम से भी संस्कृत पर अनेक सॉफ्टवेयर का कार्य चल रहा है जहाँ संस्कृत को सीखाने से सम्बन्धी, शब्दरूप, धातुरूप, सूक्तियाँ, कहानियाँ आदि सामग्री का संकलन है। हम यहाँ कुछ एप्लीकेशन देख सकते है-
1) Sanskrit primer:- कृष्णा वर्मा, सरल रूप से संस्कृत सिखने का एप है।
2) Learn Sanskrit:- अमर डी एल, संस्कृत सुखने के लिये छोटे-छोटे अध्याय बनाये गये है जिनमें संख्या, वाक्यनिर्माण आदि को प्रतिदिन के अभ्यास के अनुसार बताया गया है।
3) संस्कृत के ३०० महान विचार:- दिव्यम कुमार, संस्कृत की प्रसिद्ध सूक्तियों का हिन्दी अनुवाद सहित संकलन।
4)Bhagvad geeta:- भागवत गीता का श्लोकों को गायन पद्धति के साथ यहाँ प्रस्तुत किया है।
5)Sanskrit subhashite and stotram:- mego technologies, संस्कृत काव्य में पाये जाने वाले सुभाषितों तथा स्त्रोतों का महत्त्वपूर्ण संकलन है।
6)Hindi Sanskrit chitrakosh:- सृजन झा, चित्र के माध्यम से संस्कृत शब्दों के ज्ञान का यह अद्भुत प्रयास है। यह हिन्दी के माध्यम से सिखाया गया है।
7)Learn Sanskrit (संस्कृत स्वयं शिक्षक):- सृजन झा, इसमें हिन्दी तथा अंग्रेजी के माध्यम से संस्कृत translate करके उच्चारण सहित संस्कृत सिखाने का एप है।
8)“संस्कृतम्” learn simple Sanskrit:- abhiyakty apps, इस एप के माध्यम से संस्कृत के वाक्यों की निर्माण प्रक्रिया सिखाई गई है।
9)Learn Sanskrit (For English speaker):- Aryaa Infotech, इसमें संस्कृत को सिखाने के साथ संस्कृत भाषा की स्क्रिप्ट को भी सिखाया गया है। यथा “अ” को कैसे बनाये इत्यादि।
10) Sanskrit english dictionary- सृजन झा, संस्कृत शब्दों का अंग्रेजी अर्थ तथा अंग्रेजी शब्दों का संस्कृत अर्थ बताया गया है।
11) Amarkosh:- सृजन झा, संस्कृत के अमरकोश को इस एप में बताया गया है। यह एप बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसमें शब्द आसानी से सर्च किया जा सकता है।
12) Siddhant kaumudi:- सृजन झा, सिद्धान्तकौमुदी को सरल रूप में इस एप के माध्यम से बताया गया है तथा अन्य स्थानों पर उस सूत्र की क्या व्याख्या की है इसका ज्ञान भी आसानी से इस एप के माध्यम से ज्ञात हो सकता है।
13) सुभाषितानि:- विजय शास्त्री, संस्कृत सुभाषितों का यहाँ अन्वय तथा हिन्दी अनुवाद सहित महत्त्वपूर्ण संकलन है।
14) शब्दरूपमाला:- श्रुति झा, संस्कृत शब्दों के रूपों के लिये यह अद्भुत एप है।
15) सुबन्त शिक्षिका:- Mamillasaft Tech, संस्कृत सुबन्तों का ज्ञान के लिये इस एप का निर्माण किया गया है।
16) पाणिनि अष्ठाध्यायी:- सृजन झा, पाणिनि के अष्टाध्यायी नामक ग्रन्थ के सभी सूत्रों का संकलन है।
17) विप्रा: Mamillasaft tech, यहाँ संस्कृत शब्दों के विभक्ति का स्वरूप बताया गया है।
18) Sanskrit essays: elexpras education, संस्कृत भाषा में सरल निबन्धों का सकलन है।
19) शब्दकल्पद्रुम:- सृजनझा, श्रुति झा, यह संस्कृत का शब्दकोश है। इस एप के माध्यम से इस शब्द कोश से आसानी से शब्दों को सर्च किया जा सकता है।
इस प्रकार हम देख सकते है कि आज के समय कम्प्यूटर संस्कृत भाषा के लिये कितना महत्त्वपूर्ण यन्त्र है इसके माध्यम से हम संस्कृत का प्रचार आसानी से कर सकते है। इन टूल्स, साइट तथा यन्त्रों के माध्यम से शिक्षक के बिना भी हम संस्कृत को सीख सकते है। संस्कृत की दुनियाँ में निश्चित ही कम्प्यूटर ने एक क्रान्ति लाई है फिर भी हम वो सब कुछ नहीं कर सके जो संस्कृत के लिये अपेक्षित है। इस सर्वे के माध्यम से कुछ अपेक्षित कार्यों का ज्ञान हुआ जो इस प्रकार है-
1) एम एस वर्ड में अंग्रेजी पत्र के सारांश के लिये टूल बना है परन्तु संस्कृत के लिये अभी कोई प्रयास नहीं किया गया है।
2) संस्कृत एप्स में सस्कृत प्रश्नावली एप्स की संख्या बहुत कम है। यह एक आवश्यक कार्य है।
3) हिन्दी के लिये पी डी एफ से वर्ड में कर्नवेटर बना है परन्तु संस्कृत के लिये यह कन्वेटर नहीं बना है। अतः अह कार्य अपेक्षित है।
4) गूगल वाइस रिकार्ड में भी संस्कृत भाषा का रेकार्डर नहीं बना है। हिन्दी के लिये इस रिकार्डर का निर्माण हुआ है जो हिन्दी को सुनकर टाइप कर देता है, किन्तु वह भी संस्कृतनिष्ठ शब्दों को टाइप नहीं कर पाते है।
5) संस्कृत श्लोकों का अन्वय अति आवश्यक कार्य है जो एक क्रमरूप में ही होता है अतः कम्प्यूटर के माध्यम से भी यह कार्य सम्भव हो सकता है।
6) गूगल भाषा परिवर्तन यन्त्र में भी हिन्दी के साथ अनेक भारतीय भाषा का प्रयोग हो रहा है किन्तु यहाँ भी संस्कृत भाषा के लिये कोई कार्य नहीं है।
7) ओपरेटिंग सिस्टम का निर्माण संस्कृत भाषा के माध्यम से होना चाहिये क्योंकि ओपरेटिंग सिस्टम नियमों से बँधा है उसी प्रकार संस्कृत भाषा भी नियमों के अनुकूल ही चलती है अतः यह सिस्टम के लिये महत्त्वपूर्ण है।
मुझे आशा है कि यह सर्वे आपकी व्यापकता को निश्चित ही बढायेगा। यदि आप संस्कृत से सम्बन्धित इन्टरनेट तथा कम्प्यूटर पर होने वाले कार्यों का ज्ञान रखते है तो कमेंट में अपना ज्ञान अवश्य साझा करें।
धन्यवाद!
एक क्रान्ति संस्कृत के नाम................
2 comments
Click here for commentsGood blog for sanskrit students
Replyबहुत-बहुत धन्यवाद !
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