1. "विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पत्तिः" यह नाट्यसूत्र है? -नाट्यशास्त्र
2. कारणान्यथ कार्याणि सहकारीणि यानि च।
रत्यादेः स्थायिनो लोके तानि चेन्नाट्यकाव्ययोः॥
विभावा अनुभावास्तत् कथ्यन्ते व्यभिचारिणः।
व्यक्तः स तैर्विभावाद्यैः स्थायीभावो रसः स्मृतः॥ यह रस लक्षण है? -काव्यप्रकाश
3. विभावेनानुभावेन व्यक्तः संचारिणा तथा।
रसतामेति रत्यादिः स्थायीभावः सचेतसाम्॥ यह रसलक्षण है? -साहित्यदर्पण
4. रस सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य है? -भरतमुनि
5. काव्यमीमांसा में रससिद्धान्त का प्रतिष्ठापक आचार्य माना है? -नन्दिकेश्वर
6. उत्पत्तिवाद के आचार्य भट्टलोल्लट(नौवीं शताब्दी) किस दर्शन से सम्बन्धित है? -मीमांसा
7. अनुमितिवाद के आचार्य शंकुक(नौवीं शताब्दी) किस दर्शन से सम्बन्धित है? -न्याय
8. भुक्तिवाद के आचार्य भट्टनायक(ग्यारहवीं शताब्दी) किस दर्शन से सम्बन्धित है? -सांख्य
9. अभिव्यक्तिवाद के आचार्य अभिनवगुप्त(ग्यारहवीं शताब्दी) किस दर्शन से सम्बन्धित है? -शैव
10. चित्रतुरगन्याय की कल्पना किस आचार्य की है? -शङ्कुक
11. आचार्य भरत ने कितने रस स्वीकार किये? आठ
12. प्रेयान् रस को किसने दसवाँ रस माना है? -रुद्रट
13. भक्तिरस को प्रधानता किसने दी? -रूपगोस्वामी
14. विश्वनाथ ने किस रस को दसवाँ रस माना? -वात्सल्य
15. अभिनवगुप्त ने किस रस को मूलभूत रस माना? -शान्तरस
16. रत्याद्युद्बोधका लोकेविभावाः काव्यनाट्ययोः यह विभाव का लक्षण है? -साहित्यदर्पण
17. उद्बुद्धं कारणैः स्वैः स्वैर्बहिर्भावं प्रकाशयन्।
लोके यः कार्यरूपः सोऽनुभावः काव्यनाट्ययोः॥ यह अनुभाव का लक्षण है? -साहित्यदर्पण
18. अविरुद्धा विरुद्धा वा यं तिरोधातुमक्षमाः।
आस्वादाङ्कुरकन्दाऽसौ भावः स्थायीति संमतः॥ यह स्थायी भाव का लक्षण है? -साहित्यदर्पण
19. सात्त्विकभाव कितने हैं? -आठ
20. विशेषादाभिमुख्येन चरणाद् व्यभिचारिणः।
स्थायिन्युन्मग्ननिर्मग्नास्त्रयस्त्रिंश्च्च तद्भिदाः॥ यह व्यभिचारी भाव का लक्षण है? -साहित्यदर्पण
21. व्यभिचारीभाव की संख्या है? -३३
22. शृङ्गाररस का वर्ण है? -श्याम
23. शृङ्गाररस का देवता है? -विष्णु
24. शृङ्गार के कितने भेद हैं? - दो (संभोग तथा विप्रलभ)
25. विप्रलभ शृङ्गार के कितने भेद हैं? -५ (अभिलाषा, विरह, ईर्ष्या, प्रवास, शाप)
26. हास्यरस का देवता है? -प्रमथ
27. हास्यरस का वर्ण है? -श्वेत
28. हास्यरस के भेद है? -६ (स्मित, हसित, विहसित, अवहसित, अपहसित, अतिहसित)
29. आचार्यभरत ने हास्य के कितने भेद माने हैं? -२ (आत्मस्थ तथा परस्थ)
30. करुण रस का देवता है? -यम
31. करुण रस का वर्ण है? -कपोत
32. अग्निपुराण में करुणरस के कितने भेद माने हैं? -३ (धर्मोपघात जन्य, वित्तविनाशजन्य तथा शोकजन्य)
33. रौद्ररस का देवता है? रुद्र
34. रौद्ररस का वर्ण है? -रक्त
35. अग्निपुराण में रौद्र के भेद हैं? -३ (आङ्गिक, वाचिक, वेशभूषाजन्य)
36. वीररस का देवता है? -महेन्द्र
37. वीररस का वर्ण है? -स्वर्ण
38. वीररस के कितने भेद हैं? -४ (दानवीर, धर्मवीर, युद्धवीर, दयावीर)
39. अग्निपुराण में वीररस के भेद माने हैं? -३ (दानवीर, धर्मवीर, युद्धवीर)
40. भयानक रस का देवता है? -काल
41. भयानक रस का वर्ण है? -कृष्ण
42. बीभत्सरस का देवता है? -महाकाल
43. बीभत्सरस का वर्ण है? -नील
44. अद्भुतरस का देवता है? -गन्धर्व
45. अद्भुतरस का वर्ण है? -पीत
46. शान्तरस का देवता है? -नारायण
47. शान्तरस का वर्ण है? -कुन्दपुष्पवत्
2. कारणान्यथ कार्याणि सहकारीणि यानि च।
रत्यादेः स्थायिनो लोके तानि चेन्नाट्यकाव्ययोः॥
विभावा अनुभावास्तत् कथ्यन्ते व्यभिचारिणः।
व्यक्तः स तैर्विभावाद्यैः स्थायीभावो रसः स्मृतः॥ यह रस लक्षण है? -काव्यप्रकाश
3. विभावेनानुभावेन व्यक्तः संचारिणा तथा।
रसतामेति रत्यादिः स्थायीभावः सचेतसाम्॥ यह रसलक्षण है? -साहित्यदर्पण
4. रस सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य है? -भरतमुनि
5. काव्यमीमांसा में रससिद्धान्त का प्रतिष्ठापक आचार्य माना है? -नन्दिकेश्वर
6. उत्पत्तिवाद के आचार्य भट्टलोल्लट(नौवीं शताब्दी) किस दर्शन से सम्बन्धित है? -मीमांसा
7. अनुमितिवाद के आचार्य शंकुक(नौवीं शताब्दी) किस दर्शन से सम्बन्धित है? -न्याय
8. भुक्तिवाद के आचार्य भट्टनायक(ग्यारहवीं शताब्दी) किस दर्शन से सम्बन्धित है? -सांख्य
9. अभिव्यक्तिवाद के आचार्य अभिनवगुप्त(ग्यारहवीं शताब्दी) किस दर्शन से सम्बन्धित है? -शैव
10. चित्रतुरगन्याय की कल्पना किस आचार्य की है? -शङ्कुक
11. आचार्य भरत ने कितने रस स्वीकार किये? आठ
12. प्रेयान् रस को किसने दसवाँ रस माना है? -रुद्रट
13. भक्तिरस को प्रधानता किसने दी? -रूपगोस्वामी
14. विश्वनाथ ने किस रस को दसवाँ रस माना? -वात्सल्य
15. अभिनवगुप्त ने किस रस को मूलभूत रस माना? -शान्तरस
16. रत्याद्युद्बोधका लोकेविभावाः काव्यनाट्ययोः यह विभाव का लक्षण है? -साहित्यदर्पण
17. उद्बुद्धं कारणैः स्वैः स्वैर्बहिर्भावं प्रकाशयन्।
लोके यः कार्यरूपः सोऽनुभावः काव्यनाट्ययोः॥ यह अनुभाव का लक्षण है? -साहित्यदर्पण
18. अविरुद्धा विरुद्धा वा यं तिरोधातुमक्षमाः।
आस्वादाङ्कुरकन्दाऽसौ भावः स्थायीति संमतः॥ यह स्थायी भाव का लक्षण है? -साहित्यदर्पण
19. सात्त्विकभाव कितने हैं? -आठ
20. विशेषादाभिमुख्येन चरणाद् व्यभिचारिणः।
स्थायिन्युन्मग्ननिर्मग्नास्त्रयस्त्रिंश्च्च तद्भिदाः॥ यह व्यभिचारी भाव का लक्षण है? -साहित्यदर्पण
21. व्यभिचारीभाव की संख्या है? -३३
22. शृङ्गाररस का वर्ण है? -श्याम
23. शृङ्गाररस का देवता है? -विष्णु
24. शृङ्गार के कितने भेद हैं? - दो (संभोग तथा विप्रलभ)
25. विप्रलभ शृङ्गार के कितने भेद हैं? -५ (अभिलाषा, विरह, ईर्ष्या, प्रवास, शाप)
26. हास्यरस का देवता है? -प्रमथ
27. हास्यरस का वर्ण है? -श्वेत
28. हास्यरस के भेद है? -६ (स्मित, हसित, विहसित, अवहसित, अपहसित, अतिहसित)
29. आचार्यभरत ने हास्य के कितने भेद माने हैं? -२ (आत्मस्थ तथा परस्थ)
30. करुण रस का देवता है? -यम
31. करुण रस का वर्ण है? -कपोत
32. अग्निपुराण में करुणरस के कितने भेद माने हैं? -३ (धर्मोपघात जन्य, वित्तविनाशजन्य तथा शोकजन्य)
33. रौद्ररस का देवता है? रुद्र
34. रौद्ररस का वर्ण है? -रक्त
35. अग्निपुराण में रौद्र के भेद हैं? -३ (आङ्गिक, वाचिक, वेशभूषाजन्य)
36. वीररस का देवता है? -महेन्द्र
37. वीररस का वर्ण है? -स्वर्ण
38. वीररस के कितने भेद हैं? -४ (दानवीर, धर्मवीर, युद्धवीर, दयावीर)
39. अग्निपुराण में वीररस के भेद माने हैं? -३ (दानवीर, धर्मवीर, युद्धवीर)
40. भयानक रस का देवता है? -काल
41. भयानक रस का वर्ण है? -कृष्ण
42. बीभत्सरस का देवता है? -महाकाल
43. बीभत्सरस का वर्ण है? -नील
44. अद्भुतरस का देवता है? -गन्धर्व
45. अद्भुतरस का वर्ण है? -पीत
46. शान्तरस का देवता है? -नारायण
47. शान्तरस का वर्ण है? -कुन्दपुष्पवत्
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